Hari bin kun gati meri – हरी बिन कूण गति मेरी
दोहा - राम नाम सब कहे, साधु संत और चोर ।
पर जे नाम में मीरा तरी, वो नाम कुछ और।।
Hari bin koon gati
meri ayodhyadas bhajan
हरी विन कुन गति मेरी लिरिक्स
हरि बिन कौन गति मेरी, कौन गति मेरी हरि बिन..
तुम मेरे प्रतिपाल कहिये, में दासी प्रभु तेरी - हरि बिन
1 ये संसार विकार का सागर, बीच मे घेरी - हरि बिन
2 बारी बारी पुकारी में, प्रभु है आरती तेरी- हरि बिन
3 नाव फूटी प्रभु पार लगाओ, डूबत दासी तेरी - हरि
बिन
4 दासी मीरा नाम रटत है, में शरण हूँ तेरी - हरि बिन
हरि बिन
कौन गति मेरी, कौन गति मेरी हरि बिन..
तुम मेरे प्रतिपाल कहिये, में दासी प्रभु तेरी - हरि बिन
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