Lesson - 3
Haarmonium
aaroh avroh alankar in hindi – हारमोनियम आरोह अवरोह अलंकार क्या है ?
Aaroh avroh alankar |
Aaroh aur avroh kise kahate hain? आरोह अवरोह की परिभाषा (meaning) हिंदी में
आरोह
– सामान्य शब्दों में आरोह से तात्पर्य नीचें से ऊपर की ओर जाना। अगर हम
हारमोनियम में समझे तो, मध्य सप्तक के “सा” से तार सप्तक के “सां” तक जाना आरोह या
आरोही क्रम कहलाता है.
आरोही
– सा, रे, ग, म, प, ध, नि, सां
अवरोह – अवरोह आरोह का उल्टा होता है। जैसे हम आरोह क्रम में नीचे से उपर की और जा रहे थे। अवरोह क्रम में हम उपर से नीचे की ओर आयेंगे। अगर हम इसे हारमोनियम में समझे तो, तार सप्तक के “सां” से मध्य सप्तक के “सा” तक आना अवरोह या अवरोही क्रम कहलाता है.
अवरोही – सां, रे, ग, म, प, ध, नि, सा
हमने अब तक आरोही, अवरोही क्रम और इसकी परिभाषा को समझा। आगे हम सा, रे, ग, म, प, ध, नि, Sargam से बनने वाले कुछ अलंकारो को देखेंगे। तथा अलंकार किसे कहते हैं? इन सभी बातों पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
अलंकार क्या हैं ? Sangeet me alankar के kitne prakar (भेद) hain?
अलंकार की परिभाषा इस प्रकार है- वर्णों या स्वरों की नियमित रचना को अलंकार
कहते है। दुसरे शब्दों में अलंकार से तात्पर्य एक
ऐसे उपक्रम से हैं जिसमे स्वर समुदाय के नियमित स्वरों को, उलट-पलट कर स्वर विस्तार
करना ही अलंकार कहलाता है।
अलंकार को ही पलटा (पलटे) कहते है.
इसे हम एक उदाहरण के माध्यम से समझते है, जिस प्रकार
किसी गाने या भजन को जब कोई साधारण या जिसे संगीत व
गायकी का कम अभ्यास हो ऐसा कोई गायक गाता है, तो हमें सुनने में कुछ बेसुरा या ठीक
नहीं लगता है। लेकिन, अगर कोई उच्च
Quality का गायक उसी गाने या भजन को गाये तो हमें कर्णप्रिय और मधुर लगता है। अब
ऐसा क्यों होता है? गाया तो दोनों ने Same भजन हैं, ये इसलिए हुआ कि क्योंकि एक साधारण
गायक उस भजन में कोई हरकत, आलाप न लेकर केवल सीधे-सीधे गा देता है। परिणाम स्वरुप
वह हमें अच्छा नहीं लगता है.
लेकिन जब उसी भजन में एक अच्छा गायक आलाप, ताने, या अलग से
उसमें कुछ हरकते पेश करता है, तो वही भजन में हमें सुनने में बहुत अच्छा लगता है। इसी
आलाप, तान व हरकतों द्वारा स्वरों में उलट पुलट कर गायकी को एक सुन्दर ढंग से पेश
करना ही अलंकार है। अलंकार का मूल उद्देश्य यही है, कि इसके द्वारा आपको स्वरों का
ज्ञान और रागों का विस्तार आसानी से समझ आ सके। अलंकारो में स्वरों की संख्या का
कोई नियम न होने से कम से कम स्वरों और ज्यादा से ज्यादा स्वरों के अलंकार देंखे
जाते है.
इन्हें भी देंखे-
➤ हारमोनियम पर उंगलिया रखना और चिन्ह परिचय
अब आप अच्छे से समझ गए होंगे की अलंकार क्या है? मैंने इसीलिए
आपको उदाहरण देकर समझाया ताकि आपके मन में अलंकार को लेकर कोई भी Dought ना रहे। प्रारम्भिक
विद्यार्थियो को इन अलंकारों का खूब अभ्यास करना चाहिये। ताकि आपके हाथो की स्वरों
पर पकड़ और भी मजबूत हो जाए साथ ही इन अलंकारों के गायन से आपका गला भी तैयार होगा
जो आगे चलकर आपको किसी भी तरह के भजन अथवा शास्त्रीय गायन में मदद करेगा।
अलंकारो का अभ्यास कब और कैसे करना चाहिए?
1. अभ्यास कम से कम एक घंटा प्रतिदिन करना चाहिए।
2. अभ्यास किसी के सामने न करकर एकांत में ही करना चाहिए।
3. अभ्यास किसी भी समय न करकर केवल प्रातः काल ही करे तो
श्रेष्ठ होगा।
अलंकार के प्रकार
अलंकार के प्रकार कोई निश्चित नहीं होते है। आप अपनी
मर्ज़ी से स्वरों का विस्तार करके कितने ही प्रकार बना सकते है। मेरे द्वारा आपको
34 अलंकार दिए जा रहे है, जिनका अच्छे से अभ्यास करके आप एक सफल हारमोनियम Vadak
और गायक बन सकतें है.
हारमोनियम Sargam अलंकार 1 to 34
अलंकार – 1
आरोह
– सा, रे, ग, म, प, ध, नि, सां
अवरोह
– सां, नि, ध, प, म, ग, रे, सा
अलंकार
– 2
आरोह
स रे ग, रे ग म, ग म प,
म प ध, प ध नि, ध नि सं
अवरोह
सं नि ध, नि ध प, ध प म,
प म ग, म
ग रे, ग रे स
अलंकार
– 3
आरोह
स ग, रे म, ग प,
म ध, प नि,
ध सं
अवरोह
सं ध, नि प, ध म,
प ग, म रे,
ग स
अलंकार
– 4
आरोह
स म, रे प, ग ध, म नि, प सं
अवरोह
सं
प, नि म,
ध ग, प
रे, म स
अलंकार
– 5
आरोह
स स रे, रे रे ग, ग ग म, म म प,
प प ध, ध ध नि,
नि नि सं
अवरोह
सं सं नि, नि नि ध, ध ध प, प प म,
म म ग, ग ग रे,
रे रे स
अलंकार
– 6
आरोह
स स, रे रे, ग ग, म म,
प प,
ध ध, नि नि, सं सं
अवरोह
सं सं, नि नि, ध ध, प प,
म म,
ग ग, रे रे, स स
अलंकार
– 7
आरोह
स स स, रे रे रे, ग ग ग, म म म,
प प प, ध ध ध,
नि नि नि, सं सं सं
अवरोह
सं सं सं, नि नि नि, ध ध ध, प प प,
म म म, ग ग ग,
रे रे रे, स स स
अलंकार
– 8
आरोह
स स स स, रे रे रे रे, ग ग ग ग, म म म म,
प प प प, ध ध ध ध,
नि नि नि नि, सं सं सं सं
अवरोह
सं सं सं सं, नि नि नि नि, ध ध ध ध, प प प प,
म म म म, ग ग ग ग,
रे रे रे रे, स स स स
अलंकार
– 9
आरोह
स , रे रे, ग ग, म म,
प प,
ध ध, नि नि, सं
अवरोह
सं , नि नि, ध ध, प प,
म म, ग
ग, रे रे, स
अलंकार –
10
आरोह
स ग ग, रे म म, ग प प,
म ध ध, प नि नि, ध सं सं
अवरोह
सं ध ध, नि प प, ध म म,
प ग ग, म रे रे, ग स स
अलंकार –
11
आरोह
स स रे रे ग, रे रे ग ग म, ग ग म म प,
म म प प ध, प प ध ध नि, ध ध नि नि सं
अवरोह
सं सं नि नि ध, नि नि ध ध प, ध ध प प म,
प प म म ग, म म ग ग रे, ग ग रे रे स
अलंकार –
12
आरोह
स रे म, रे ग प, ग म ध,
म प नि, प ध सं
अवरोह
सं नि प, नि ध म, ध प ग,
प म रे, म रे स
अलंकार –
13
आरोह
स म म, रे प प, ग ध ध,
म नि नि, प सं सं
अवरोह
सं प प, नि म म, ध ग ग,
प रे रे, म स स
अलंकार –
14
आरोह
स रे ग म, रे ग म प, ग म प ध,
म प ध नि, प ध नि सं
अवरोह
सं नि ध प, नि ध प म, ध प म ग,
प म ग रे, म ग रे स
अलंकार –
15
आरोह
स रे ग म प, रे ग म प ध,
ग म प ध नि, म प ध नि सं,
अवरोह
सं नि ध प म, नि ध प म ग,
ध प म ग रे, प म ग रे स
अलंकार –
16
आरोह
स रे ग म प ध, रे ग म प ध नि, ग म प ध नि सं
अवरोह
सं नि ध प म ग, नि ध प म ग रे, ध प म ग रे स
अलंकार –
17
आरोह
स रे ग म प ध नि, रे ग म प ध नि सं
अवरोह
सं नि ध प म ग रे, नि ध प म ग रे स
अलंकार – 18
आरोह
स रे स, रे ग रे, ग म ग, म प म,
प ध प, ध नि ध, नि सं नि
अवरोह
सं नि स, नि ध नि, ध प ध, प म प,
म ग म, ग रे ग, रे स रे
अलंकार – 19
आरोह
स स ग ग, रे रे म म, ग ग प प,
म म ध ध, प प नि नि, ध ध सं सं
अवरोह
सं सं ध ध, नि नि प प, ध ध म म,
प प ग ग, म म रे रे, ग ग स स
अलंकार – 20
आरोह
स प, रे ध, ग नि, म सं,
अवरोह
सं म, नि ग, ध रे, प स
अलंकार – 21
आरोह
स स प प, रे रे ध ध, ग ग नि नि, म म सं सं
अवरोह
सं सं म म, नि नि ग ग, ध ध रे रे, प प स स
अलंकार – 22
आरोह
स रे स रे ग, रे ग रे ग म, ग म ग म प,
म प म प ध,
प ध प ध नि, ध नि ध नि सं
अवरोह
सं नि स नि ध, नि ध नि ध प, ध प ध प म,
प म प म ग, म ग म ग रे, ग रे ग रे स
अलंकार – 23
आरोह
स रे रे, रे ग ग, ग म म, म प प,
प ध ध, ध नि नि, नि सं सं
अवरोह
सं नि नि, नि ध ध, ध प प, प म म,
म ग ग, ग रे रे, रे स स
अलंकार – 24
आरोह
स स रे रे ग, रे रे ग ग म, ग ग म म प,
म म प प ध, प प ध ध नि, ध ध नि नि सं
अवरोह
सं सं नि नि ध, नि नि ध ध प, ध ध प प म,
प प म म ग, म म ग ग रे, ग ग रे रे स
अलंकार – 25
आरोह
स रे रे ग, रे ग ग म, ग म म प,
म प प ध, प ध ध नि, ध नि नि सं
अवरोह
सं नि नि ध, नि ध ध प, ध प प म,
प म म ग, म ग ग रे, ग रे रे स
अलंकार – 26
आरोह
स रे म, रे ग प, ग म ध,
म प नि, प ध सं
अवरोह
सं नि प, नि ध म, ध प ग,
प म रे, म ग स
अलंकार – 27
आरोह
स ग म, रे म प, ग प ध,
म ध नि, प नि सं
अवरोह
सं ध प, नि प म, ध म ग,
प ग रे, म रे स
अलंकार – 28
आरोह
स रे म म, रे ग प प, ग म ध ध,
म प नि नि, प ध सं सं
अवरोह
सं नि प प, नि ध म म, ध प ग ग,
प म रे रे, म ग स स
अलंकार – 29
आरोह
स स रे रे ग ग, रे रे ग ग म म, ग ग म म प प,
म म प प ध ध, प प ध ध नि नि, ध ध नि नि सं सं
अवरोह
सं सं नि नि ध ध, नि नि ध ध प प, ध ध प प म म,
प प म म ग ग, म म ग ग रे रे, ग ग रे रे स स
अलंकार – 30
आरोह
स रे ग रे, रे ग म ग, ग म प म, म प ध प,
प ध नि ध, ध नि सं नि, नि सं रें सं
अवरोह
सं नि ध नि, नि ध प ध, ध प म प, प म ग म,
म ग रे ग, ग रे स रे, रे स ऩि स
अलंकार – 31
आरोह
स रे ग रे ग s, रे ग म ग म s, ग म प म प s,
म प ध प ध s, प ध नि ध नि s, ध नि सं नि सं s
अवरोह
सं नि ध नि ध s, नि ध प ध प s, ध प म प म s,
प म ग म ग s, म ग रे ग रे s, ग रे स रे स s
अलंकार – 32
आरोह
स रे ग s ग s, रे ग म s म s, ग म प s प s,
म प ध s ध s, प ध नि s नि s, ध नि सं s सं s
अवरोह
सं नि ध s ध s, नि ध प s प s, ध प म s म s,
प म ग s ग s, म ग रे s रे s, ग रे स s स s
अलंकार – 33
आरोह
स रे स ग s ग, रे ग रे म s म, ग म ग प s प,
म प म ध s ध, प ध प नि s नि, ध नि ध सं s सं
अवरोह
सं नि सं ध s ध, नि ध नि प s प, ध प ध म s म,
प म प ग s ग, म ग म रे s रे, ग रे ग स s स
अलंकार – 34
आरोह
स रे s, रे ग s, ग म s, म प s,
प ध s, ध नि s, नि सं s
अवरोह
सं नि s, नि ध s, ध प s, प म s,
म ग s, ग रे s, रे स s
इन्हें भी देंखे -
आज के लेसन में हमने
हारमोनियम में आरोह-अवरोह और अलंकार क्या है? तथा इनका हारमोनियम में क्या उपयोग
है। इन सभी तथ्यों पर विस्तार से चर्चा की है। उम्मीद है कि, आप आरोह-अवरोह और
अलंकारो के बारे में अच्छे से जान गए होंगे.
आगे के लेसन में हम संगीत के कुछ पारिभाषिक शब्दो के बारे में जानेंगे.
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