तीन ताल के प्रकार भाग - 1 | tintal prakar - Hindi Darshnik

गुरुवार, 30 जुलाई 2020

   Leson - 5

Tintal variation

Tintal ke prakar.tintal variation
Tintal ke prakaar


Tintal prakar - तीनताल प्रकार

प्रकार का अर्थ होता है भेदउसी की तरह किन्तु अलग सामान्य अर्थो में prakar से आशयकिसी वस्तु विशेष आदि की दो या इससे अधिक स्थिती के बारे में बताना।

जैसे- मानलो हमने “Teentaal” के प्रारंभिक ठेके, के bolo को देखा है अब तीनताल का ये केवल, एक ही रूप तो नहीं है इसे अलग-अलग रूपों में अलग-अलग “Bol”के द्वारा बजाया जाता है. 

 तीन ताल और विलंबित तीन ताल


इन्ही अलग-अलग रूपों को हम “Prakaar” कहते है। कुछ विद्वानों द्वारा तीनताल के प्रकार बताये गए है,आइये देंखते है.

Trital variation - त्रिताल प्रकार


(1)  तीन ताल का पहला प्रकार 


1
2
3
4
धाधा
धिन
धींs
s
x
5
6
7
8
धाधा
धिन
धींs
s
2
9
10
11
12
धाधा
तिन
तींs
s
0
13
14
15
16
ताता
धिन
धींs
नाs
3


(2)  तीन ताल का दूसरा प्रकार


1
2
3
4
धागे
नधि
धींs
नाs
x
5
6
7
8
धागे
नधि
धींs
नाs
2
9
10
11
12
धागे
नति
तींs
नाs
0
13
14
15
16
धागे
नधि
धींs
नाs
3

(3) तीन ताल का तीसरा प्रकार

1
2
3
4
धागे
नधि
धींs
नाs
x
5
6
7
8
धागे
नधि
धींs
नाs
2
9
10
11
12
धागे
नति
तींs
नाs
0
13
14
15
16
तिरकिट
धाs
धींs
धिना
3

(4) तीन ताल का चौथा प्रकार

1
2
3
4
धाs
धिन
धींs
नाs
x
5
6
7
8
धाs
धिन
धींs
नाs
2
9
10
11
12
धाs
तिन
तींs
नाs
0
13
14
15
16
ताs
धिन
धींs
नाs
3



इस lesson में हमने “Trital” के कुछ प्रकार व इसकी “Paribhasha” को समझा है।आगे के लेसन में तीनताल के कुछ और नए प्रकार, के बारे तीनताल प्रकार भाग- 2 में जानेंगे.

Tintal के प्रकारों का ये लेसन आपको कैसा लगा हमे, Comment करके अवश्य बताये। साथ ही हमारे blog को subscribe करे.

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